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Ram Ke Path Par
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Ram Ke Path Par

लल्लन प्रसाद व्यास बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न व्यक्ति हैं। उच्चकोटि के चिंतक और लेखक होने के साथ ही पत्रकारिता के क्षेत्र में भी असाधारण हैं।
दैनिक 'स्वतंत्र भारत' के सह-सम्पादक के रूप में पत्रकारिता प्रारंभ करके 'तरुण भारत' की स्थापना एवं संपादन से लेकर 'ज्ञान भारती', 'प्राची-दर्शन', 'आलोक भारती' और अब हिंदी की प्रथम विश्व पत्रिका 'विश्व हिंदी दर्शन' के संपादन तक लगभग 5 दशक की पत्रकारिता जगत की यात्रा में अनेक कीर्तिमानों की स्थापना की है।
सांस्कृतिक दूत के रूप में कई बार विश्व परिक्रमा की है तथा सांस्कृतिक लेखक और विश्व पर्यटक के रूप में हिंदी जगत में अद्वितीय प्रसिद्धि अर्जित की है।
इनकी अनेक हिंदी और सम्पादित अंग्रेजी पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। हिंदी और अंग्रेजी में विश्व महत्त्व के कई स्मारिका ग्रंथों का सफल संपादन भी इन्होंने किया है।
1983 में 'विश्व साहित्य संस्कृति संस्थान' नामक सांस्कृतिक संस्था की स्थापना का श्रेय प्राप्त करके भारत सहित 25 देशों में 22 'अंतर्राष्ट्रीय रामायण सम्मेलनों' की अभूतपूर्व विश्व शृंखला का संयोजन श्रीराम कृपा से किया है। इसके पूर्व नागपुर के प्रथम और मॉरीशस के द्वितीय विश्व हिंदी सम्मेलनों में विशेष सहयोगी के नाते जगत- प्रसिद्धि अर्जित की है। साथ ही अब तक 5 देशों में 12 अंतर्राष्ट्रीय हिंदी संगोष्ठियां भी आयोजित की हैं।
वर्तमान में संपादक 'विश्व हिंदी दर्शन' पत्रिका और अध्यक्ष - 'अंतर्राष्ट्रीय रामायण सम्मेलन' ।
ISBN
9788128814990
Språk
Hindi
Vekt
310 gram
Utgivelsesdato
1.6.2005
Antall sider
192