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Aseem Anand Ki Aur
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Aseem Anand Ki Aur

असीम आनंद की ओर संसार में आनंद के अभाव का कारण है - निर्भरता I प्रसन्नता का अर्थ यह नहीं कि हम किसी 'वस्तु' या 'व्यक्ति' पर निर्भर रहें या इसे किसी 'स्थान' पर खोज़ सकें I हम अपने जीवन में हर चीज़ को व्यवस्थित करने के नाम पर निरंतर अपनी प्रसन्नता को स्थगित करने चले जाते हैं I प्रसन्नता तभी संभव हैं जब हम प्रत्येक व्यक्ति को, प्रत्येक क्षण व् परिस्तिथि में उसी रूप में स्वीकार कर सकें, जैसे कि वे हैं I इसका अर्थ होगा कि हमें दूसरों को परखने या उनका प्रतिरोध करने की आदत पर रोक लगानी होगी I प्रसन्नता या आनंद का अर्थ हैं अपने दायित्व के प्रति जागृत होना व् उसे स्वीकार करना I जब हम पवित्रता, शांति एवं प्रेम के अपने सच्चे अस्तित्व के साथ जुड़ी भावनाओं व् विचारों का चुनाव करते हैं तो जैसे सब कुछ परिवर्तित हो उठता हैं हम दूसरों से माँगने के स्थान पर उनके साथ बाँटने लगते हैं; संग्रह करने के बजाय त्याग करना सीख जाते हैं; अपेक्षाओं के स्थान पर स्वीकृति को आश्रय देने लगते हैं; भविस्य और अतीत को छोड़ वर्तमान में जीने लगते हैं I हम ख़ुशी, संतोष व् परमानंद से भरपूर जीवन जी सकते हैं क्योंकि हमारे पास चुनने का विकल्प तथा शक्ति हैं I प्रसन्नता एक निर्णय हैं I अवेकनिंग विद ब्रह्माकुमारीज़ 2007 से लोकप्रिय टीवी शो अवेकनिंग विद ब्रह्माकुमारीज़ सारे संसार में एक जाना-माना नाम हो गया है। इसके 2000 से अधिक एपिसोड यह अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं कि हम एक निश्चित तरीक़े से ही क्यों सोचते और व्यवहार करते हैं। यह कार्यक्रम आपको आत्म -रूपांतरण की राह पर ले जाता है। इससे दर्शक मानसिक तनाव, अवसाद व्यसनों, आत्मा-सम्मान में कमी तथा दुखदायी संबंधों से उबर रहे हैं और स्वयं को इतना लचीला बना प् रहे हैं जितना कभी नहीं सोचा होगा।
ISBN
9789389143409
Språk
Hindi
Vekt
310 gram
Utgivelsesdato
15.9.2019
Antall sider
210