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Das Guru
Tallenna

Das Guru

भारतवर्ष में गुरु और शिष्य की परंपरा बहुत प्राचीन है। गुरु का स्थान परमेस्वर से भी ऊँचा मन गया है। गुरु के द्वारा ही व्यक्ति को सांसारिक ज्ञान प्राप्त होता है और गुरु के द्वारा ही उसे इस ज्ञान का बोध होता है कि किस प्रकार परमेस्वर को प्राप्त किया जा सके। सिक्खो के प्रथम गुरु नानक देव से लेकर दसवें गुरु गोविन्द सिंह जी तक का काल हिन्दू- सभ्यता का उत्पीड़न काल था। एक और मुस्लिम आक्रांता हमारी प्राचीन सभ्यता को नस्ट करने में लगे हुए थे तो दुस्तरी और हिन्दू- समाज अवतारवाद देव पूजा मूर्ति पूजा कर्मकांड जाती- पति एंव छुवाछूत जैसी बुरायिओं में लिप्त हो रहा था। ऐसे में सिक्ख गुरुओं के प्रकटन से समाज में भय और निराशा का वातावरण समाप्त हुआ गुरुओं के उपदेशों ने अर्धमृत हिन्दू जाती में नये प्राण फूंक दिये ।
Kirjailija
Gurpreet Singh
ISBN
9788171823024
Kieli
Hindi
Paino
310 grammaa
Julkaisupäivä
1.6.2012
Kustantaja
DIAMOND BOOKS
Sivumäärä
136