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Brahmandi
Tallenna

Brahmandi

संतुलन और परिवर्तन को कायम रखने के लिए देखों तथा असुरों में हमेशा से ही उनती चली आयी है। हमें हमारे पूर्वजों से हमेशा ही सुनने को मिला है कि देव जीते और असुर हारं। लेकिन वास्तविकता में कुछ तथ्य ऐसे भी थे जो हमसे हमेशा ही छिपाये गए। इसी तर्ज पर अतीत में देवों के हाथों कुछ ऐसा घटा जिसने तब संतुलन को भंग कर दिया। यदि वर्तमान में उस संतुलन को पुनः स्थापित करने के लिए कोई कारगर जुगत न की जाती तो भविष्य में ब्रह्माण्ड को इसके भीषण परिणामों को भुगतना पड़ता। समस्या गंभीर रूप धारण कर चुकी थी। और तब देवी काली को अपनी योजनाओं के साथ मैदान में उतरना पड़ा। क्योंकि उस युग में ब्रह्माण्ड की सबसे शक्तिशाली असुर प्रजाति की आखिरी वंशज भंवरी रावण की असुर सेना की अगुवाई कर रही थी और उसकी चेतावनी ने सम्पूर्ण देवों की रूह कंपा दी थी; अतीत में मेरे वंश को मिटा दिया गया परन्तु तब संतुलन को कायम रखने के लिए मैंने चुप्पी का सहारा लिया। परन्तु अब मैं शस्त्र उठा कर संतुलन कायम करूंगी। यदि योजना छोटी होती तो देवों की हार महज वक़्त की बात होती लेकिन देवी काली ने एक विस्तृत योजना बनाई और जब उस योजना को देवी काली ने मैदान में उतारा तो उसे समझने वालों के पैरों तले जमीन काँप कर रह गयी, लेकिन भंवरी भी जिद्द की पक्की निकली। समस्त देव तथा असुर साम्राज्ञी भंवरी और रावण की सेना के महासमर की शौर्यगाथा। बौने सम्राट, भालू, योमा तथा अश्वत्थामा के पूर्वजन्मदिन की रहस्यगाथा। ब्रह्माण्ड के जन्म की महागाथा।
Kirjailija
Neel Krishna
ISBN
9789356827684
Kieli
Hindi
Paino
310 grammaa
Julkaisupäivä
15.2.2024
Sivumäärä
386