
Shiv Upasana
क्रमबद्धता भी उपासना की महत्वपूर्ण भाग है। दैनिक जीवन में हमारी दिनचर्या में यदि कहीं व्यतिक्रम हो जाता है तो कितनी कठिनाई होती है, उसी प्रकार उपासना में भी व्यतिक्रम कठिनाई उत्पन्न कर सकता है।
अतः उपासना पद्धति में मन्त्रों का शुद्ध उच्चारण तथा क्रमबद्ध प्रयोग करने से ही अर्थ चतुष्टय की प्राप्ति कर परम लक्ष्म-मोक्ष को प्राप्त किया जा सकता है।
- Författare
- Radhakrishna Srimali
- ISBN
- 9788128802188
- Språk
- Hindi
- Vikt
- 310 gram
- Utgivningsdatum
- 2002-06-01
- Förlag
- DIAMOND BOOKS
- Sidor
- 176
