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Nanage Shahar Ka Safarnama
1970 के दशक की दिल्ली और उसके संघर्ष की दास्ताँ को वयां करता उपन्यास है "नंगे शहर का सफरनामा". कहने के लिए टो सब कुछ आसन हे पर उसके अन्दर की कहानी कुछ और है, जिसे समझाने का प्रयास …
Yadon Se Yun Milna Julna ( यादों से यूँ मिलना जुलना )
भावनाओं से सजी ये किताब,भिन्न विषयों पे बात करती है । कहीं मजहबी एकता, तो आपसी रिश्तों की बात, तो कहीं समजिक कुरीतियों पे सवाल उठाती। कहीं कॉरोनाकाल की विडंबना व्यक्त करती जिसने …
Adha Adami
मैं अपनी बात राइनेर मारिया रिल्के की पंक्तियों से शुरू करता हूँ- मैं भी जीवन और कला को अलग-अलग नहीं करना चाहता। और यह बिल्कुल सच है कि जीवन ऐसे गुजरता जाता हैं-गुम हो चुके अनुभवों …
Mauritious Lekhak Ramdev Dhurandhar KI Juwani
Balam Kalkatta
हिंदी गद्य के कथित सौन्दर्यवाद और प्रकारांतरवाद से सर्वाधिक हानि पाठकीयता की हुई है। भाषा की इस आत्मरति ने पाठकीय क्षुधा, मनुष्य के सरोकारों और समाज की अपेक्षाओं को हाशिए पर ला खड़ा …
Pipal Par Ghosle Nahin Hote (पीपल पर घोंसले नहीं होते)
About the product: कोरोना वार्ड की इंचार्ज और एक सैनिक की बेटी डॉ श्रद्धा सरन उस समय स्तब्ध रह जाती है जब उसे पता चलता है कि दो दिन पहले विदेश से आया उसका बचपन का दोस्त और प्रेमी …
Palayan Peeda Prerna ( पलायन पीड़ा प्रेरणा )
पलायन पीड़ा प्रेरणा' उस अनकहे भारत की गाथा है जो हमारे सामने है पर हमें दिख नहीं रहा या यों कहें कि हम उसके बारे में जागरूक नहीं हैं। कोरोना महामारी में घोषित लॉकडाउन में पलायन …
Manto Aur Main
'मंटो और मैं' में छिपा हुआ एक सवाल जो मुझ से अक्सर पूछा जाता है वह यह कि मंटो के साथ आप का क्या रिश्ता है। मैं इस सवाल का कभी ढ़ंग से जवाब नहीं दे पाया। हाँ, सवाल के इर्द-गिर्द कई …
Doobdhan (दूबधान)
Dayanand Pandey Ke 3 Charcheet Upanyas
सहजता ही दयानंद पांडेय के उपन्यासों की शक्ति है। उन के उपन्यासों में व्यौरे बहुत मिलते हैं। ऐसा लगता है, जीवन को यथासंभव विस्तार में देखने की एक रचनात्मक जिद भी उन के उपन्यासकार का …
Meri Zamin Mera Aasman
एक पेशेवर अदीब न होने के बावज़ूद विनोद कुमार त्रिपाठी 'बशर' का ये काव्य संग्रह अपनी पहचान बना चुका है। उनकी शायरी उनके भीतर की बेचैनी है जो उनके व्यस्त और व्यावसायिक तौर पर सफल जीवन …
June Zafraan Aur Chand KI Raat (??? ?????? ?? ???? ?? ???)
ऐसे समय में जब प्रेम के अभाव में दुनिया वीरान होती जा रही है और फूल गुंचों में खिलने से हिचकने लगे हैं, ख्वाब आंखों में पड़े-पड़े ज़र्द हो रहें और माँयें अपने बच्चों के जवान होने की …