सूफी काव्य परंपरा में बुल्लेशाह का नाम बहुत ही आदर और मान से लिया जाता है। आज से वर्षों पूर्व सामाजिक कुरीतियों, धर्मो के आपसी विद्षों व कर्मकांडों के मध्य अपनी काफियों के माध्यम …