भूल कर सारी भूलों को, आज सिर्फ, जी लेते हैं चल.....खुदगर्ज़ी के रेशों से, कुछ लम्हें बिन लेते हैं, चल.....हाथ किसी का थाम के, दर्द, दर्ज करा आते हैं, चल.....कोई आँख सूनी दिख गयी तो, …