कहना मुश्किल है- ये रचनाएँ किस विधा में गिनी जायेंगी। कविता के भय से आज़ाद होने के बाद, साहित्य की कोटि में भी गिनी जायेंगी या नहीं, इस सोच से भी मुक्त होने के बाद, जब मनरेगा के …