भारत से लेकर वैश्विक स्तर तक ऐसे मनीषियों की लंबी शृंखला है, जिन्होंने अपने विचार, कर्म और सकारात्मक दृष्टि से मानव सभ्यता को शिखर पर आच्छादित कर दिया, लेकिन कुछ व्यक्तियों के कारण …
संविधान असल में देश का सर्वोच्च विधान है। व्यक्तिगत तौर पर, मैं यह मानता हूँ कि अधिकारों और कर्तव्यों के संतुलन का यह ऐसा पवित्र दस्तावेज है, जिससे लोकतंत्र प्रभावी रूप में जीवंत …