साधारणत और इधर ज्यादातर लोग किसी पाठ को एक भाषा से दूसरी भाषा में उल्था करने को ही अनुवाद मान लेते हैं । हिन्दी में यह प्रवृत्ति और भी ज्यादा देखने में आती है । बहुत कम ऐसे अनुवादक …