Ande, själ & kropp
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आज़ादी का चैन हासिल भी नहीं हुआ था की विभाजन ने मुल्क़ को बैचैन कर दिया. चारों तरफ मारा मारी, मानो इंसान हैवान हो गया हो। देश का विभाजन यानि फौज का भी विभाजन। पहले एक होकर दुश्मन से …
भारत में जातिप्रथा विषय कितना जटिल है, जिसके संबंध में विचार व्यक्त करने हैं। अनेकों योग्य विद्वानों ने जाति के रहस्यों को खोलने का प्रयास किया है, किंतु यह दुःख की बात है कि यह …
ईश्वर सर्वदा सत्य में ही है। वेद, शास्त्र एवं पुराणों में कहा गया है कि सत्य के समान दूसरा धर्म नहीं है। सत्य बोलने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि हमें याद नहीं रखना पड़ता कि हमने किससे …
अधिकांश पाश्चात्य राजनीति-विशारदों एवं इतिहासज्ञों का कथन है कि भारत कभी भी राष्ट्र गठन नहीं कर सका था और न भारतीयों में कभी इसकी पूर्ण योग्यता ही थी। इसी बात को लेकर योगिराज श्री …
चारतत्व-बुद्ध चार महासत्यों के नाम से चार तत्व का उपदेश देते थे। पहला सत्य यह है कि संसार में दुख विद्यमान है। जन्म, मरण, व्याधि, वृद्धि, संयोग, वियोग और प्रत्येक प्रवृत्ति में दुख …
इस संसार में सर्वत्र सामयिक गति है। नित्य तुम जागते हो और सोते हो, नित्य सोते हो और जागते हो। जिस प्रकार सोना और जागना ठीक क्रमपूर्वक एक दूसरे के बाद होता है, उसी प्रकार वेदांत के …
मेरा एक सुखद स्वप्न है कि सभी जन आपस में प्रेम-प्यार से मिलकर रहेंगे तथा घृणा, ईर्ष्या, द्वेष का कहीं कोई स्थान नहीं होगा। आने वाले समय में भारत विश्व का मार्ग दर्शक बनेगा। भारत …
वर्तमान में हम अपने यौवन के उन्माद में अंधे हुए जा रहे हैं, विश्व को आनंद का एहसास प्रदान करने के लिए क्योंकि हम आनंद स्वरूप हैं। आनंद के मूर्तिमान प्रतीक की तरह हम संसार में विचरण …
सआदत हसन मंटो की कहानियां में दर्द है, दीवानगी है, मंटो की कहानियों को अश्लील कहा जाता है, लेकिन सच कहना अगर अश्लील है, तो मंटो की भी यह जिद है की वो सच्चाई को बार बार अपनी लेखनी …